बहुत सारे माता-पिता जब अपनी संतानों को लेकर कोई अवरोध आता है तो वे अपने संतानों को दूसरे लोगों से अच्छी सलाह लेने के लिए कहते हैं। ऐसे माता-पिता का मानना है कि उनकी संतानों को कई आवश्यक चीजें बाहर के कुछ लोग अच्छी तरह समझ्ना सकते हैं । सामान्य रूप से ऐसी सिफारिश का अमल नहीं होता। युवा संतानों को दूसरे से सलाह लेने में संकोच होती है, उन्हें डर होती है और सामान्य लोग ऐसी सलाहों से प्रभावित नहीं होते।