नई दिल्ली। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते संघर्ष के कारण वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में तेज वृद्धि से भारत के चालू खाता घाटे (सीएडी) और रुपये पर दबाव पड़ने की संभावना है। लेकिन अगर पेट्रोलियम की कीमतें सीमित दायरे में ही रहीं तो विकास-मुद्रास्फीति की गतिशीलता....