हमारे संवाददाता
नई दिल्ली । भारतीय निर्यातकों की तरफ से कहा जा रहा है कि लगातार दो तिमाहियों से जर्मन अर्थव्यवस्था के अनुबंधित के साथ यूरोपीय देशों में परिधान,जूते और चमड़े के सामान जैसे क्षेत्रों से भारत के निर्यात पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना है।