पिछले एक-दो महीने से रुपया डॉलर के सामने टूटते जा रहा है। 5 नवंबर को ट्रम्प अमेरिका के प्रमुख चुने गए तब से अब तक डॉलर का भाव 83.76 रु. से बढ़कर 85.75 रु. हो गया है। इतने अवमूल्यन के बाद भी रुपए का रुख मंदी का है। भारत की विदेश व्यापार में बड़ी कमी है। विकसित देशों की कमजोर मांग के कारण निर्यात वृद्धि मंद हो गयी है। ट्रम्प की संभावित नीतियों से डॉलर मजबूत बनने की धारणा से डॉलर.....