• मंगलवार, 05 दिसंबर, 2023

आर्थिक वृद्धि और रोजगार सर्जन के लिए वैश्विक निर्यात में भारत का हिस्सा बढ़ाना जरूरी

निर्यात भारत के लिए हमेशा दुखती रग बना रहा है। 1947 में वैश्विक व्यापार में भारत का हिस्सा 2.53 प्र.श. था। 1991 में आर्थिक उदारीकरण के पहले दशक में निर्यात क्षेत्र में निराशाजनक कामकाज के कारण यह हिस्सा 1990 में घटकर 0.53 प्र.श. हो गया था। उसके बाद परिस्थिति में उत्साहजनक सुधार हुआ है, लेकिन समस्या का संपूर्ण निराकरण नहीं हुआ।