सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी) योजना सरकार के लिए गले की हड्डी बन गई है। शेयर बाजार की भाषा में कहें तो सरकार ने चढ़ते बाजार में मंदी का सट्टा खेला और अब उसे कीमत चुकानी पड़ रही है। हकीकत से कटे हुए चश्मिश विद्वानों की सलाह पर शुरू की गई इस योजना का मूल विचार यह था.....