परमाणु ऊर्जा से संबंधित नीतियों और कानूनों में व्यापक और दूरगामी परिवर्तन आने की संभावना है। भारत की मौजूदा परमाणु ऊर्जा उत्पादन क्षमता 220 मेगावाट है, जिसे 2047 तक बढ़ाकर 1 लाख मेगावाट करने का लक्ष्य सरकार ने तय किया है। अगर कोयले और तेल जैसे ईंधनों का उपयोग घटे, तो न केवल कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी, बल्कि आयात पर निर्भरता भी घटेगी। उद्योगों.....