उद्यम और पुरुषार्थ के कारण मिली सिद्धियों का संवत अस्त होने का है और आशा तथा उत्साह से भरे नए वर्ष का उदय हो रहा है। विगत वर्ष भारत का गौरव बढ़ाने वाला था। दुनिया युद्ध, मंदी और संरक्षणवाद से डांवाडोल थी, तो भारत स्थिर गति से प्रगति.......
उद्यम और पुरुषार्थ के कारण मिली सिद्धियों का संवत अस्त होने का है और आशा तथा उत्साह से भरे नए वर्ष का उदय हो रहा है। विगत वर्ष भारत का गौरव बढ़ाने वाला था। दुनिया युद्ध, मंदी और संरक्षणवाद से डांवाडोल थी, तो भारत स्थिर गति से प्रगति.......