• गुरुवार, 12 सितंबर, 2024

प्रारंभ तो अच्छा है  

जून तिमाही में राष्ट्रीय आय 7.8 प्र.. बढ़कर 40.4 लाख करोड़ रु. हो गयी है। वृद्धि दर अपेक्षा की तुलना में थोड़ा कम है, लेकिन विषम अंतरराष्ट्रीय परिस्थिति में निराशाजनक नहीं कही जा सकती। गत वर्ष वह 13.1 प्र.. थी, लेकिन इसकी तुलना में नीची बुनियाद के कारण अयोग्य है। वर्ष का प्रारंभ तो अच्छा है, लेकिन आगे के संयोग इतने उत्साहजनक नहीं है। आंकड़े से ही शुरुआत करें तो जून तिमाही की जीडीपी डिफ्लेटर मात्र 0.2 प्र.. थी। इतनी महंगाई के बावजूद मुद्रास्फीति सहित और मुद्रास्फीति रहित राष्ट्रीय आय के बीच इतना मामूली अंतर है जो आश्चर्यजनक है। इसका अर्थ यह है कि राष्ट्रीय आय का आंकड़ा अधिक ऊंचा दर्शाया गया हो ऐसा हो सकता है।

अर्थव्यवस्था के आधारस्तंभ जैसे निजी उपयोगी खर्च 6 प्र.. बढ़े हैं , जो कुल मिलाकर विकास के तुलना में कम है। राष्ट्रीय आय में इसका औसत 58.3 प्र.. से घटकर 57.3 प्र.. हो गया है। महंगाई के कारण लोगों की खरीदशक्ति घट गयी है। आगे जाकर अलनीनो के असर के कारण