• मंगलवार, 21 जनवरी, 2025

केला, पपीता और नारियल के काथे से रंगीन धागे का निर्माण

इचलकरंजी की प्रा. डॉ. गौरी कुलकर्णी का महत्त्वपूर्ण संशोधन

केले के छिलके, पपीते की फली और नारियल से कथ्या का इस्तेमाल कर अब परिष्कृत रंगीन धागा बनाना संभव होगा। कपड़ा उद्योग में प्रोसेस हाउस से निकलनेवाले रंगीन पानी का उपयोग धागों की रंगाई के लिए किया जाता है। जिससे कुछ हदतक पाणी का प्रदूषण भी रोकना संभव होगा। इचलकरंजी के......

ताजा खबर
No articles found for this category. इस श्रेणी के लिए कोई लेख नहीं मिला