• मंगलवार, 17 सितंबर, 2024

लालकिला की प्राचीर से 15 अगस्त को फहराया जाएगा हाथ से बुना खादी का राष्ट्रीय झंडा  

हमारे संवाददाता 

नई दिल्ली । केन्दीय गृह मंत्रालय ने आदेश संख्या 2 जनवरी 2020 सार्वजनिक (भाग-3) 30 दिसम्बर 2021 से भारतीय झंडा संहिता 2002 में संशोधन किया है।जिसके तहत भारत का राष्ट्रीय ध्वज हाथ से काते गए और हाथ से बुने या मशीन से बने कपास, पॉलिएस्टर, ऊन,रेशम, खादी बंटिंग से बना होगा।इसके अतिरिक्त अधिकारिक प्रदर्शन के लिए दिशानिर्देश के तहत अधिकारिक प्रदर्शन के लिए सभी अवसरों पर झंडा सिर्फ भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा निर्धारित विनिर्देशों के अनुरुप होगा और उनके मानक चिन्हों वाले ध्वज का उपयोग किया जाएगा।वहीं 15 अगस्त को लालकिला की प्राचीर से फहराया जाने वाला राष्ट्रीय ध्वज आयुध वस्त्र फैक्ट्ररी,शाहजहांपुर द्वारा निर्मित एक रेशमी झंडा है जो कि झंडा संहिता के अनुरुप है।वहीं सार्वजनिक और सरकारी विभागों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भारतीय मानक-1 (आईएस-1) राष्ट्रीय ध्वज के निर्माण के लिए बीआईएस लाइसेंस रखने वाले कुल 4 खादी संस्थान हैं ।जिनमें आईएस-1 राष्ट्रीय ध्वज बनाने वाली जो खादी संस्थान हैं ।जिनमें कर्नाटक खादी ग्रामोद्योग संयुक्त संघ फेडरेशन-हुबली-कर्नाटक,मध्य भारत खादी संघ-ग्वालियर-मध्य प्रदेश,खादी डायर्स एंड प्रिंटर्स-बोरीवली-महाराष्ट्र और धारवाड़ तालुक गरग क्षेत्रीस सेवा संघ-कर्नाटक शामिल है।