मंदी का माहौल होते हुए भी इचलकरंजी के पावरलूमधारक और कामगारों के बीच के संबंध बोनस के चलते और गहरे बने। सीधे पावरलूम और ऑटोलूम कारखाने के कामगारों के हाथ में बोनस के जरिए 70 करोड रुपए दिए गए। जिससे कामगारोंकी दिवाली और मिठास हुई। साथ ही में शहर में खरीदारी भी बढी।