भारतीय स्वाभाविक रूप से सातवें आसमान पर ह। चांद के दक्षिण ध्रुव के नजदीक के क्षेत्र में निर्धारित समय निर्धारित स्थल पर भारत ने अंतरिक्ष यान को सुरक्षित और सफलतापूर्वक उतार कर इसरो (इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन) ने इतिहास रच दिया है। नासा और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ने उन्हें बधाई दी है। चीन चकरा गया है। इसरो के वैज्ञानिक को जितनी बधाई दी जाए उतनी कम है। विश्व में भारत का गौरव और कद बढ़ा है। ब्रिक्स देशों का सम्मेलन चल रहा है और जी-20 शिखर सम्मेलन भारत में आयोजित होने वाला है। दुनिया उत्सुकता से भारत की उपलब्धि पर नजर रख रही है। रूस की विफलता और भारत की सफलता को एक साथ देखा जाएगा। चीन भारत के वैज्ञानिक उपलब्धियों को दूसरे से लिए गया कर्ज कहकर बदनाम करता है, लेकिन अब उसका घमंड कम हो जाएगा।