अर्थशास्त्री, शीर्ष सरकारी अधिकारी और राजनेता एक बात पर सहमत हैं: कर आधार को व्यापक बनाएं और आयकर दरों को कम करें, जिसका अर्थ है कि भारत में अधिक लोग आयकर का भुगतान करते हैं और इस प्रकार आयकर दरें कम होती हैं। लेकिन व्यवहार में हर दल के राजनेता और हर युग के अधिकारी इसके विपरीत कार्य करते रहे हैं। आयकर आधार को सीमित करें और आयकर का बोझ कम करें। उनकी कथनी और करनी में उत्तर और दक्षिण जितना ही विरोधाभास है।