• शुक्रवार, 18 अक्टूबर, 2024

हीरा उद्योग में मंदी गहराई : 400 से अधिक छोटे कारखानों में दिवाली वैकेशन घोषित  

एसडीबी के उद्घाटन से पहले रत्नकलाकारों के महत्वपूर्ण प्रश्नों के समाधान हेतु कारीगरों के संगठन की मांग 

वैश्विक मंदी का पहला असर लक्जरियस चीज वस्तुओं की बिक्री पर पड़ता है। दुनिया भर में छाई मंदी और चल रहे दो युद्ध के कारण बिगड़े माहौल और हीर-जेवरात की बिक्री को प्रतिकूल असर पड़ने लगा है। स्वाभाविक है कि हीरा-जेवरात के व्यवसाय में मंदी आए तो स्थानीय हीरा उद्योग के समक्ष एक से अधिक चुनौतियां आ सकती हैं। सामान्य रूप से 21 दिन का दिवाली वैकेशन पर पड़ता है। वर्ष 2008 की मंदी के बाद पहली बार दिवाली वैकेशन समय से दस दिन पहले घोषित कर दिया गया है और यह दिवाली वैकेशन डेढ़ दो महीने का लंबा चलने की दहशत है। 

इसके पहले इस प्लेटफॉर्म से दिवाली वैकेशन लंबा चलने की संभावना व्यक्त की जा रही थी। जो मानों यर्थाथ हो उसी तरह शरद पूर्णिमा के त्योहार के बाद खुलते सप्ताह में अनेक कारखानों में कारीगरों को वेतन की रकम चुकाने और छोटी इकाइयों में दिवाली वैकेशन घोषित कर दिया गया है। एक अनुमान के अनुसार 400 जितने छोटे कारखानों में छुट्टी घोषित कर दी गई है तथा इस बार छुट्टी कितनी है इस खुलासा नहीं किए जाने से रत्नकालाकारों में दहशह व्यापत है कि वैकेशन लंबा चलेगा।