टेक्सटाइल शहर सूरत के कपड़ा उद्योग में विकराल मंदी चल रही है। बाहरगांव भेजे गए पार्सलों का रिटर्न माल के जमाव से भी व्यापारी परेशान हो रहे है। ऐसे में लेसट्टी का उत्पादन करने वाले उत्पादकों की स्थिति को जानने का प्रयास करते हुए पता चला कि लेसपट्टी के उत्पादकों की आर्थिक स्थिति अत्यधिक दयनीय बन गई है। लगभग 70 प्रतिशत लेसपट्टी के उत्पादन में कटौती देखने को मिल रही है। आगामी त्योहारों में बाहरगांव के ऑर्डर बुकिंग बढ़े इस पर ही सबका आधार होगा ऐसा उत्पादक बता रहे हैं।
शहर में 750 से अधिक व्यापारी लेसपट्टी के धंधे के साथ जुड़े हैं। इस लेसपट्टी का उपयोग साड़ी, ड्रेस, घाघरा, चनिया-चोली, दुल्हन का लहेंगा सहित परिधानों में होता है। एक समय दैनिक लाखों मीटर लेसपट्टी का उत्पादन होता था जो आज घटकर 30 प्रतिशत बचा है।