फरवरी 1908 में, जोसेफ ऍस्चर नाम के एक उस्ताद हीरे घीसने वाले ने एम्स्टर्डम में अपनी वर्कशोप में दक्षिण अफ़ीकी खदान से कुलिनन नामक हीरे को काटने के लिए लिया। उस समय तक पाया गया सबसे बड़ा हीरा इतना कठोर था कि.....
फरवरी 1908 में, जोसेफ ऍस्चर नाम के एक उस्ताद हीरे घीसने वाले ने एम्स्टर्डम में अपनी वर्कशोप में दक्षिण अफ़ीकी खदान से कुलिनन नामक हीरे को काटने के लिए लिया। उस समय तक पाया गया सबसे बड़ा हीरा इतना कठोर था कि.....