लोग अब पहले की तुलना में शादी में अनाप-शनाप खर्च करने लगे हैं । इसमें दूसरी तरफ कोरोना के बाद शादियों के आयोजन का दायरा बढ़ा है। शादी में मंडप और स्टेज डेकोरेशन के पीछे करोड़ों रुपए खर्च करते हैं । शहर में मंडप डेकोरेशन के कपड़े का बड़ा उत्पादन है। साथ ही इन कपड़ें का उपयोग भी शहर में आयोजित बड़ी शादियों में भी हो रहा है। शहर में इस वर्ष शादी के सीजन में मंडप उद्योग को 150 करोड़ रुपए से अधिक का व्यापार होने की अपेक्षा है। चालू वर्ष में मंडप डेकोरेशन का कुल व्यापार 300 करोड़ रुपए से अधिक होने की संभावना है। हर वर्ष मंडप डेकोरेशन के संचालक शादी के अवसर पर नए- नए डिजाइनों के मंडप लगाते हैं । शादी के मंडप डेकोरेशन की बात करें तो एन्ट्री गेट, सोफा, कुर्सी, टेबल और पर्दा स्टेज आदि सहित का समावेश होता है।
सूरत मंडप क्लॉथ एसोसिएशन के प्रमुख और मंडप कपड़ा बेचने वाले व्यापारी देव कुमार संचेती का कहना है कि सूरत में मंडप की फैब्रिक बिक्री करने वाले व्यापारियों की संख्या 250 से अधिक है। लग्नसरा का सीजन शुरू होते ही मंडप की खूब डिमांड देखने को मिल रही है। बड़े व्यापारी हर वर्ष कपड़े की नई खरीदी करते हैं । इस बार वैवाहिक सीजन में मंडप अलग अलग साइज के कपड़े का 1200 से 1500 रुपए में बड़े पैमाने पर बिका है। इसमें एम्ब्राइडरी के साथ कपड़ा प्रति मीटर 100 रुपए में बिका है। सूरत की मार्केट में बनता कपड़ा महाराष्ट्र, मुंबई, पुणे की टेक्सटाइल मार्केट में बिकता है।