अध्ययन समिति की ओरसे महत्त्वपूर्ण सिफारिश
राज्य के पावरलूम उद्योग की समस्या जानकर उसपर उपाय सुझाने के लिए लोकप्रतिनिधियों की समिती का गठन राज्य शासनने किया था। इस समितीने अपना अहवाल वस्त्रोद्योग मंत्री चंद्रकांत पाटील को पेश किया है। इस अहवाल में कई महत्त्वपूर्ण सिफारिशे की गई है। कई उपाय बताए गए है। इसको शासन अनुमति देता है तो मंदी का सामना कर रहे पावरलूम उद्योग को अच्छे दिन आने की संभावना है।
देश के वस्त्रोद्योग में महाराष्ट्र का महत्त्वपूर्ण स्थान है। कुल वस्त्रोद्योग उत्पाद में 10.4 फीसदी और रोजगार में 10.2 योगदान महाराष्ट्र का है। इसमें महाराष्ट्र में 12.70 लाख पावरलूम महाराष्ट्र में है। लगभग 30 लोगोंको प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रोजगार मिला है। लेकिन यह उद्योग अब अभूतपूर्व मंदी का सामना कर रहा है। कपडे को अपेक्षित मांग के साथ दर भी नही मिल रहा है। शासन स्तरपर हमेशा उदासीन भूमिका रही है। वस्त्रोद्योग के चुनिंदा घटकोंको मदत हुई लेकिन पावरलूम उद्योग को अपेक्षित बूस्टर डोस शासन की ओरसे कई सालोंसे मिला नही है। इसके बारे में महाराष्ट्र के सभी पावरलूम केंद्रोंसे दबाव बढने के बाद राज्य शासनने अध्ययन समिती का गठन किया। मंत्री दादा भुसे की अध्यक्षता में स्थापन किए इस समिती में विधायक प्रकाश आवाडे, सुभाष देशमुख, रईस शेख, अनिल बाबर, प्रवीण दटके आदी शामिल थे। इस समितीने एक माहभर वस्त्रोद्योग के अलग अलग घटकों की समस्या जानकर उसपर उपाय बतानेवाला अपना अहवाल शासन को पेश किया है।