भारतीय राजनीति का राज और नीति दोनों ही किसी को या कह लो आम आदमी को तो कम ही समझ आती है। विपक्षी दलों का काम सिर्फ विरोध करना यानी विरोधी दल को सार्थक करता है। सत्ता पक्ष के हर कार्य का विरोध करना, उनकी शैली बन गयी है। जो उन्हें भारी पड़ रही है। भानुमती का पिटारा में सब प्रधान मंत्री बनना चाहते हैं । अब तो भाषा की मर्यादा भी कम होती जा रही है। पहले विधानसभा और उसके बाद या समय से पहले लोकसभा यानी एक राष्ट्र- एक चुनाव पर चर्चा जारी है। विशेष संसदीय सत्र पर भी नजरे लगी है। जी-20 में भारत अध्यक्ष के रूप में अपना जलवा दिखा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने देश का नाम रोशन करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। शेयर मार्केट में रोज की घटबढ़ के साथ मिडकेप और स्मालकेप शेयर मार्केट के राजा बने हुए हैं ।
पापलीन और कैम्ब्रिक : पापलीन में सूती धागे के बढ़ते भावों में कुछ सुधार हुए हैं । लेकिन व्यापार &