• शुक्रवार, 03 मई, 2024

खाद की बिक्री अुनमान की तुलना में बढ़ने से केद्र सरकार चिंतित

नई दिल्ली। गत महीने देश में बारिश की 36 प्रतिशत कमी होने के बाद मुख्यत: यूरिया, डीएपी और कॉम्प्लेक्ष खाद की बिक्री अकल्पनीय रूप से बढ़कर 57 प्रतिशत हुई थी। खाद की ऊंची बिक्री सीधे-सीधे सब्सिडी के साथ जुड़ी है। 

खाद का उपयोग घटाने और गैर खेती लायक इस्तेमाल पर देखरेख करने के लिए सरकार दो व्यूहरचना को अपनाना निश्चित किया है। 

इससे पहले कृषि स्तर की यूरिया के उपयोग को रेसिन, ग्लू, प्लावुड, कोकरी, मोलिडंग पाउडर, पशु आहार और खान की खुदाई जैसे उद्योग में डायवर्ट किया गया था। सब्सिडी घोषित करने के बाद नीमपोडेट यूरिया का प्रारंभ कृषि स्तर पर पर्याय के तौर पर शुरू हुआ और उसकी 45 किलो ग्राम की बोरी किसानों को 266 रुपए में मिलने लगी अधिकृत जानकारी के अनुसार यूरिया, डायएमोनियम फोसकेट (डीएपी) और कॉम्प्लेक्स (एन. पी. के. एस. जैसे मुख्य पोषकतत्वों का संयोजन) ने पहली अगस्त से पहली सितंबर के दौरान 51.62 लाख टन का अनुमान मांग के सामने वास्तविक बिक्री 80.93 लाख टन हुआ था।