• शुक्रवार, 03 मई, 2024

कम खर्च में स्पेस मिशन लाँच करने हेतु अब भारत पर नजर

चद्रमा के साउथ पोल पर चद्रयान-3 की साफ्ट लेंडिंग का प्रभाव

हमारे संवाददाता

नई दिल्ली । भारत ने चद्रमा के साउथ पोल पर चद्रयान-3 की साफ्ट लøडिंग कराकर इतिहास रच दिया है।इस उपलब्धि से न सिर्फ भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो का दबदबा बढेगी बल्कि पूरी दुनिया कम खर्च में स्पेस मिशन लाँच करने के लिए अब भारत का रुख करेगी।जिससे 2040 तक भारत की स्पेस अर्थव्यवस्था 8 लाख करोड़ रुपए होने की संभावना है।

दरअसल मल्टीनेशनल मैनेजमेंट कंसल्टेंसी आर्थर डी लिटिल की रिपोर्ट स्पेश में भारत 2040 तक 8 लाख करोड़ रुपए यानी 100 अरब डॉलर की स्पेस कारोबार होने की संभावना है।इस समय स्पेस कारोबार 66,400 करोड़ रुपए का है जो कि अगले 17 साल में भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में 1150 प्रतिशत का उछाल आ सकता है।ज्ञातव्य हो कि भारत के सफल चद्रयान-3 मिशन के बाद अब पूरी दुनिया सस्ते अंतरिक्ष मिशन के लिए भारत की ओर देख रही है।हालांकि अब तक रुस और चीन कम लागत में स्पेस प्रोग्राम प्रोवाइड करते थे।बहरहाल भारत ने सिर्फ 615 करोड़ रुपए में चद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चद्रयान-3 उतारकर एक नया रिकॉर्ड बना दिया है।इतने कम खर्च में सफल मिशन को अंजाम देने वाला भारत दुनिया का इकलौता देश बन गया है।वहीं चद्रयान-3 की कामयाबी से भारत पूरी दुनिया में वर्ल्ड लीडर बनकर उभरेगा।उल्लेखनीय है कि भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो की उपग्रह भेजने का सेक्सेस रेट 95 प्रतिशत है।इसके साथ ही भारत के पास एक साथ कई सैटेलाइट को लांच करने की क्षमता है और वह ऐसा पहले कर चुका है।ऐसे में हर कोई अपने सैटेलाइट लाँच करने और स्पेश मिशन के लिए भारत की तरफ रुख करेंगे।