• शनिवार, 04 मई, 2024

भारत को अंतरराष्ट्रीय उत्पादन श्रृंखलाओं में स्थान प्राप्त करने के लिए सघन प्रयास करने की जरूरत

ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनेसिएटिव (जीटीआरआई) का कहना है कि अनेक प्रकार की चीजों में उल्लेखनीय क्षमता रखने के बावजूद अंतरराष्ट्रीय उत्पादन श्रृंखलाओं (ग्लोबल वैल्यूच-जीवीसी) में भारत का भागीदारी काफी कम है और उसके कारण भारत को निर्यात संभवनाएं अवरुद्ध  हैं । बंदरगाह व्यवस्थापन, कस्टम आपरेसंस और राष्ट्रीय व्यापार नेटवर्क की स्थापना जैसे कदम उठाकर भारतीय कंपनियां ग्लोबल वैल्यूचस में अच्छी तरह जुड़कर 2030 तक भारत के विदेशी व्यापार में 1.2 लाख करोड़ डॉलर की वृद्धि कर सकता है।

जीवीसी में भारतीय कंपनियों का एकीकरण महत्त्वपूर्ण है। क्योंकि वैश्विक व्यापार औसतन 70 प्र.. इस नेटवर्क्स में होता है, जिसमें इलेक्ट्रानिक्स, मशीनरी, फार्मास्युटिकल्स और एपरल सहित विभिन्न उत्पादनों को समाहित कर लिया गया है। जीटीआरआई का कहना है कि विदेश व्यापार के लिए भारत के कमजोर ढांचे के कारण बंदरगाह और कस्टम्स में विलंब होता है, जो माल सामान के समय पर हेरफेर पर बड़ा असर करता है। वैश्विक व्यापार में महत्वपूर्ण योगदान देने वाली चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, थाइलø और मलेशिया जैसे देशों ने व्यापार इंफ्रास्ट्रक्चर