• गुरुवार, 02 मई, 2024

वित्तीय राहत के उपाय, ईएलएस कपास के आयात शुल्क में छूट की दरकार

कताई मिलों को 

केद्रीय वित्त मंत्री ने सीमा के प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि वित्तीय संकट हेतु उठाया जाएगा कदम

रमाकांत चौधरी 

नई दिल्ली लंबे समय तक रुस-यूक्रेन युद्व,अमेरिका और अन्य देशों में आर्थिक मंदी के कारण वैश्विक और घरेलू मांग में भारी गिरावट के कारण कपास आधारित भारतीय कपड़ा और कपड़ा उद्योग एक वर्ष से अधिक समय से अभूतपूर्व वित्तीय तनाव और संकट का सामना कर रहा है।वहीं कपास पर 11 प्रतिशत आयात शुल्क और मानव निर्मित फाइबर (एमएमएफ) गुणवत्ता नियंत्रण आदेशों के दुष्प्रभाव जिन्होंने स्वदेशी कपास व्यापारियों और एमएमएफ उत्पादकों को आयात मूल्य निर्धारण अपनाने में सक्षम बनाया और उद्योगों को वैश्विक बाजार में अप्रतिस्पर्धी बना दिया।ऐसे में अप्रैल 2023 से लेकर अगस्त 2023 की अवधि तक औसत मासिक कपड़ा और कपड़ों के निर्यात में पिछले वित्तीय वर्ष 2021-22 की तुलना में 19 प्रतिशत की गिरावट आई है।